शायरी की डायरी




शायरी की डायरी







शायरी की डायरी





1. अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो




मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम होने दो




मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढते हो क्यों





मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम तो होने दो









शायरी की डायरी




 2. खुदा ने जब इश्क़ बनाया होगा तो आजमाया होगा




हमारी औकात ही क्या इतने तो खुदा को भी रुलाया होगा









3. कभी जरूरत पड़े तो दूर से आवाज दे देना किसी और के दिल में हो तो तेरे लिए चले आएंगे










4. कितना अजीब है दुनिया का दस्तूर




लोग इतनी जल्दी बात नहीं मानते जितनी जल्दी बुरा मान जाते हैं









5. दर्दतो बहुत दिल में है 




मगर




कभी किसी को दिखाया नहीं है 




और 




जो बिना देखे मेरे दर्द को समझ सके शायद




खुदा ने ऐसा किसी को मेरे लिए बनाया नहीं हैं









6.तुम क्या शिखोओगी मुझसे प्यार करने का तरीका




मैंने मां के एक हाथ से थप्पड़ और दूसरे हाथ से रोटी खायी है









7.गरीब वो नहीं है जो झोपड़ी में रहता हैं गरीबों वो है जो झोपड़ी में रहने वाले को अपने दौलत का घमंड दिखाता है









8.ना तलवार की बार से ना गोलियों की बौछार से देश बर्बाद है तो मोबाइल की रिचार्ज से









9.ख़ुशी पैसों पर नहीं परिस्थितियों पर निर्भर करती है




एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था दूसरा उसे बेचकर









10.हम आपसे प्यार करते हैं रिश्ता कुछ इस तरह से निभाएंगे




अगर पानी भी कम पर आता टी तो हम अपनी आंख से आंसू बहाकर आपकी तस्वीर बनाएंगे  









11.संघर्ष करते हुए मत घबराना क्योंकि संघर्ष करते हुए इंसान अकेला होता है सफलता के बाद तो सारी दुनिया साथ होती है









12.तू लाख बुलाकर देख मुझे मैं फिर भी याद आऊंगा रही तु पानी पे पे के थक जाएगी मैं हिचकियां बन के सताऊंगा









13.पानी में तस्वीर कहां बनती है ख्वाबों में तकदीर कहां बनती है किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ जिंदगी ये जिंदगी फिर वापस कहां मिलती है कौन किस से चाकर दूर होता हर कोई अपनी हालत पर मजबूर होता है हम तो बस इतना जानते हैं हम तो बस इतना जानते हैं हर रिश्ता मोती हर दोस्त कोहिनूर होता है









14.आज खुदा ने मुझसे कहा भुला क्यों नहीं देते उसे मैंने बोला अगर इतनी फिक्र है तो मिला क्यों नहीं देते मुझे उससे









15.तो जोड़ना जानते हैं तो ना तो सीखा ही नहीं तो नजर




खुद टूट जाते हैं अक्सर किसी को छोड़ना सीखा ही नहीं









16.झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फर फर आते हैं




बाज की उड़ान में कभी आवाज नहीं होती












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