देश में 21 दिन का लॉकडाउन?



जानें क्‍या होता है लॉकडाउन खाने पीने की चीजें मिलेंगी या नहीं?


कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. भारत की ही बात करें तो देश में कोरोना वायरस के कारण अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है, वहीं जबकि इससे प्रभावित लोगों की संख्‍या अब 549 से भी ऊपर चली गई है. इस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार यानी 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था, वह सफलतापूर्वक पूरा हो गया. लेकिन अब पीएम मोदी ने देश भर में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है. यह लॉकडाउन अपने आप में बिल्‍कुल नया शब्‍द है. पिछले दिनों जनता कर्फ्यू का नाम आपने सुना था, लेकिन उसका मतलब नहीं जानते थे, अब लॉकडाउन भी नया शब्‍द है, चलिए आपको बताते हैं कि ये लॉकडाउन आखिर होता क्‍या है.




क्या होता है लॉकडाउन


लॉकडाउन एक एमरजेंसी व्यवस्था है, जो एपिडेमिक या किसी आपदा के वक्त लागू होती है. यह व्‍यवस्‍था सरकार लागू करती है. लॉक डाउन में उस क्षेत्र के लोगों को घर से निकलने की अनुमति नहीं होती. उन्हें सिर्फ दवा या अनाज जैसी जरूरी चीजों या फिर बैंक से पैसा निकालने के लिए बाहर आने की अनुमति मिलती है.





क्यों होता है लॉकडाउन


किसी सोसायटी या शहर के रहने वाले वहां के लोगों को स्वास्थ्य या अन्य जोखिम से बचाव के लिए इसे लागू किया जाता है. इस वक्‍त कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कई देशों में इसे अपनाया जा रहा है. हालांकि ये इतना सख्ती से अभी लागू नहीं है. इसे सरकार के बजाय इस बार लोग खुद अपने पर लागू कर रहे हैं. इटली के कई इलाकों में खुद ही लोगों ने अपने आपको घरों में कैद कर लिया था. ताकि कोरोना का संक्रमण उन तक न पहुंचे. वहीं जिन इलाकों में संक्रमित व्यक्ति ज्यादा मिल जाते हैं, वहां भी लॉकडाउन लागू कर दिया जाता है.





चीन सहित इन देशों में लॉकडाउन


कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए चीन, डेनमार्क, लंदन, अमेरिका, अल सलवाडोर, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, न्यूजीलैंड, पोलैंड और स्पेन में लॉकडाउन जैसी स्थिति है. चीन में ही सबसे पहले कोरोना वायरस संक्रमण का मामला सामने आया था, इसलिए सबसे पहले वहां लॉकडाउन किया गया. वहां की सरकार ने लोगों को एक तरह से हाउस अरेस्ट रहने के लिए कहा.





2020 से पहले भी हुआ है लॉकडाउन


सबसे पहले अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के बाद पूरा देश लॉकडाउन किया गया. तत्कालीन अमेरिकी सरकार ने वहां तीन दिन का लॉकडाउन किया गया था. दिसंबर 2005 में न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था.


19 अप्रैल 2013 को बोस्टन शहर को आतंकियों की खोज के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था. 


नवंबर 2015 में पेरिस हमले के बाद संदिग्धों को पकड़ने के लिए साल 2015 में ब्रुसेल्स में पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था.





सब्जी-दूध की दुकानें खुलेंगी?


खुलेंगी. दूध, सब्जी, किराना और दवाओं की दुकान लॉक डाउन के दायरे से बाहर हैं. मगर इन दुकानों पर बेवजह भीड़ लगाने से बचना जरूरी है.





एटीएम-पेट्रोल पंप खुलेंगे?


पेट्रोल पंप और एटीएम को राज्य सरकार ने आवश्यक सेवाओं के श्रेणी में रखा है. ये खुले रहेंगे. इन्हें लॉक डाउन के दायरे से बाहर रखा गया है.





निजी वाहन का उपयोग होगा?


जी हां, निजी वाहनों का संचालन जारी रहेगा, लेकिन संक्रमण से बचने के लिए खुले वाहनों जैसे बाइक आदि की जगह निजी कार आदि का प्रयोग करें.





इन चीजों को कतई ना करें


लॉकडाउन के वक्त बेवजह घरों से ना निकलें. बच्चों को और बुजुर्गों को भी निकलने पर पाबंदी लगाए. हुड़दंग भी ना मचाए. घर में रहते रहते कुछ लोग बोर हो जाते हैं तो बेवजह के अफवाहें फैलाने लगते हैं. अफवाहों पर विश्वास नहीं करें और ना ही इसे फैलाएं. घर में रहते हुए आप उन तमाम शौक को पूरा करें जो बिजी जीवन में नहीं करते हैं. अगर वर्क फ्रॉम होम मिला है तो संजीदगी से काम करें.





लॉकडाउन के वक्त बंद रहेंगे ये सब


लॉकडाउन के वक्त स्कूल-कॉलेज, शिक्षण संस्था, मॉल, दफ्तर, सिनेमा घर, रेस्त्रां, होटल, धार्मिक स्थल, मेन्यूफेक्चरिंग, ट्रेडिंग,डिस्ट्रिब्यूटिंग कंपनियां, पार्टियां शादियां, परिवहन सेवाएं सब कुछ बंद रहेगा. सड़क पर पांच से ज्यादा लोगों को एकत्र नहीं होने दिया जाएगा.


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